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बिहार में शिक्षकों की समस्या का नहीं दिख रहा है कोई समाधान











बिहार में शिक्षकों की समस्या का नहीं दिख रहा है कोई समाधान क्योंकि अभी थमा भी नहीं था पुराना घमासान उससे पहले ही केके पाठक ने सुना दिया है एक और फरमान | शिक्षकों को अब 6:00 बजे से पहले ही स्कूल पहुंचने का फरमान...

सुबह ठीक 6 बजे से चेतना सत्र के संचालन का फरमान किसी भी हाल में तय वक्त पर दो बार विभाग को सेल्फी भेजने का नहीं तो स्कूल के प्रधानाध्यापक के साथ ही सभी शिक्षकों को अनुपस्थित मानकर सैलरी काट ली जाएगी | इस तरह बिहार का शिक्षा विभाग लगातार जारी किया जा रहा है आए दिन नए-नए फरमान जिसकी वजह से सरकारी स्कूलों के शिक्षक हो रहे हैं बेहद परेशान | 

आइए अब एक नजर डालते हैं कि पिछले हफ्ते 16 मई से किस बात को लेकर सरकार और शिक्षकों के बीच शुरू हुआ था बवाल और अब क्या है ढेर सारे नियमों वाला सरकार का एक और नया फरमान वो फरमान जिसकी कहानी शुरू होती है 13 मई से | दरअसल 13 मई को बिहार में स्कूलों के संचालन को लेकर सरकार ने एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था गर्मी की वजह से 16 मई से स्कूलों का का टाइम टेबल बदला जा रहा है और नए नियम के मुताबिक स्कूलों का संचालन सुबह 6:00 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक किया जाएगा शिक्षा विभाग के इसी फरमान में निर्देश भी दिया गया था कि प्रधानाध्यापक सुबह स्कूल खुलते ही यह सुनिश्चित करेंगे कि उपस्थित छात्रों की तादाद कम से कम 90 फीदी है या नहीं | अगर किसी भी स्कूल में छात्रों की तादाद 90 फीसद से कम हुई तो इसके लिए स्कूल के प्रधानाध्यापक को जिम्मेदार मानते हुए जवाब तलब किया जाएगा |

 बता दें कि इसी आदेश के बाद से बिहार के स्कूल शिक्षकों के साथ-साथ बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने केके पाठक का जमकर विरोध शुरू कर दिया था और शिक्षकों के इस विरोध की आवाज को बुलंद करने के लिए बिहार कांग्रेस के अलावा राष्ट्रीय लोक मंच के उपेंद्र कुशवाहा और बिहार विधान परिषद के पांच एमएलसी भी इसमें शामिल हो गए थे | इन सभी लोगों की यही मांग थी कि सुबह 6:00 बजे का समय टीचर्स के लिए अनुकूल नहीं है क्योंकि सुबह 6:00 बजे स्कूल पहुंचने के लिए शिक्षकों को भोर के धुल के में घर से निकलना पड़ेगा जिसकी वजह से आवागमन की कठिनाई के साथ ही सुनसान इलाकों में महिला शिक्षकों की सुरक्षा का सवाल भी पैदा हो जाएगा इसीलिए स्कूल खुलने का समय पहले की तरह या तो सात बजे से रखा जाए नहीं तो कम से कम 6:30 कर दिया जाए इसके अलावा शिक्षकों की एक मांग यह भी थी कि प्रचंड गर्मी को देखते हुए छुट्टी का समय दोपहर 1:30 बजे से घटाकर 12:00 बजे तककर दिया जाए अपनी समस्या को सरकार के सामने रखते हुए शिक्षकों को तब यह उम्मीद थी कि सीएम नितीश कुमार और केके पाठक इस मसले पर गौर कर कोई समाधान निकालेंगे लेकिन 17 मई को एक्स पर एक पोस्ट के जरिए शिक्षा विभाग ने कानून का हवाला देते हुए साफ तौर पर यह इशारा कर दिया था कि स्कूल के टाइम टेबल को लेकर शिक्षा विभाग किसी भी तरह के बदलाव के म में नहीं है और तभी से बिहार के शिक्षक लगातार केके पाठक और मुख्यमंत्री नितीश कुमार का विरोध कर रहे थे लेकिन महज एक सप्ताह पुराना यह मामला अभी थमा भी नहीं था कि बुधवार को केके पाठक ने एक और नया फरमान जारी कर दिया |

केके पाठक द्वारा जारी किए गए इस फरमान में यह आदेश दिया गया है कि शिक्षकों को अब हर हाल में सुबह 5:45 तक स्कूल पहुंचना ही होगा | सुबह 6 बजे तक हर हाल में चेतना सत्र का संचालन करना होगा | विद्यालय पहुंचते ही शिक्षकों को नोट कैंप से एचएम ग्रुप में सुबह 6:50 तक सेल्फी भेजनी होगी | मिशन दक्ष की कक्षा खत्म होने के बाद दोपहर 1:30 बजे एक बार फिर से सेल्फी भेजना अनिवार्य होगा | दोपहर 1:30 बजे के बाद आया हुआ सेल्फी फोटो ही मान्य होगा  |अगर किसी विद्यालय से फोटो प्रातः 6:50 या दोबारा दोपहर 1:30 बजे नहीं आती है तो उस विद्यालय के प्रधान एवं सभी शिक्षक को बिना सूचना के अनुपस्थित मानकर उस दिन का वेतन काट लिया जाएगा | वहीं यह कार्य मिशन दक्ष की कक्षा लेने के बाद यानी दोपहर 1:30 बजे के बाद भी करना होगा | अब इस नए फरमान से शिक्षकों में एक बार फिर से बेहद गुस्सा है | अब देखना यह है कि शिक्षक और शिक्षा विभाग के बीच मचा यह बवाल कब और कैसे खत्म होता है |

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