औरंगाबाद । बारुण प्रखंड के मौआर खैरा पंचायत अंतर्गत ग्राम कदोखरी, दुधार पंचायत अंतर्गत सुंदरगंज और नबीनगर प्रखंड के ग्राम राजपुर में ग्राम संसद सद्भाव की बात कार्यक्रम में राज्य सरकार की उपलब्धियों पर चर्चा हुई।
ग्राम संसद सद्भाव की बात कार्यक्रम की अध्यक्षता बारुण प्रखंड के प्रखंड अध्यक्ष उपेंद्र कुमार यादव ने किया। चर्चा में कार्यकर्ताओं ने कहा कि इंडिया गठबंधन के द्वारा 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का सफाया हो जाएगा।
ग्राम संसद सद्भाव की बात पर चर्चा करते हुए औरंगाबाद के पूर्व सांसद और नबीनगर के पूर्व विधायक वीरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि इंडिया गठबंधन के सूत्रधार मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार है। श्री नीतीश कुमार का प्रयास अब रंग लाने लगा है। पूर्व सांसद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि देश में नीतीश कुमार एक मात्र नेता है जिनकी छवि और बेदाग है। वे अपने उद्देश्य में सफल होते दिख रहे है और मुंबई में आयोजित होने वाली इंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक में कुछ तय होने की उम्मीद है।
पूर्व सांसद ने बिहार सरकार के दर्जनों उपलब्धियां की चर्चा करते हुए कहा कहा कि हम पूरे देश में नीतीश कुमार के दूरदर्शी सोच के चलते विकास के पायदान पर 10.64% के साथ पहले स्थान पर हैं जबकि भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ा के अनुसार बिहार एक नंबर असम दो नंबर और दिल्ली तीसरे नंबर पर है हम विकास तेजी से कर रहे हैं फिर भी आजादी के बाद 1952 में एक अविवेकपूर्ण समझ के तहत केंद्र सरकार ने रेल भाड़ा समानीकरण नीति बनाई। इसके कारण बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के एक बड़े हिस्से को उनके खनिज पदार्थों के भारी भंडारों का पूरा लाभ नहीं उठाने दिया गया।
इस नीति के तहत खनिज पदार्थों को एक से दूसरी जगह ले जाने का रेल भाड़ा समान कर दिया गया था यानी सौ टन खनिज पदार्थ धनबाद से गया ले जाने का जितना भाड़ा लगता था, उतना ही भाड़ा धनबाद से मुंबई , दिल्ली तथा अन्य जगहो पर ले जाने के लिए लगता था। ऐसे में दूसरे प्रदेशों का कोई उद्योगपति बिहार या ओडिशा में उद्योग क्यों लगाता? अंग्रेजों के जमाने में ऐसी कोई नीति नहीं थी। इसीलिए गुजरात के जमशेदजी टाटा ने अविभाजित बिहार के खनिज बहुल इलाके में बड़ा उद्योग लगाया। आज वह जमशेदपुर के नाम से जाना जाता है। वहां टाटा उद्योग में बिहार और आसपास के राज्यों के हजारों लोगों को नौकरियां मिलीं, पर भाड़ा नीति के आ जाने के बाद अन्य राज्यों के किसी उद्यमी के समक्ष उद्योग लगाने के लिए खनिज बहुल राज्यों में आने की मजबूरी नहीं रह गई। नतीजा यह हुआ कि बिहार, ओडिशा जैसे राज्यों का विकास थम गया।हम लोगों के प्रयास और
लगातार मांग के बाद अंतत: 1992 में रेल भाड़ा समानीकरण नीति को समाप्त किया गया, लेकिन तब तक बिहार जैसे गरीब राज्य को एक अनुमान के अनुसार दस लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका था। पूर्व सांसद ने कहा कि इस नीति के कारण ही बिहार बहुत पीछे रह गया इसीलिए हम विशेष राज्य की मांग करते हैं।
इस कार्यक्रम में औरंगाबाद के पूर्व सांसद सह पूर्व विधायक नबीनगर वीरेंद्र कुमार सिंह,जिला परिषद सदस्य अनिल कुमार यादव,जिला उपाध्यक्ष सह बारुण प्रखंड के संगठन प्रभारी सुरेंद्र कुमार सिंह, बारुण प्रखंड के अध्यक्ष उपेंद्र कुमार यादव, नबीनगर के प्रखंड अध्यक्ष कमलेश कुमार सिंह,जिला महासचिव ओमप्रकाश जी, पिछड़ा प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष जितेंद्र कुमार चंद्रवंशी, प्रखंड उपाध्यक्ष सह मीडिया प्रभारी केदार यादव, प्रखंड सचिव सुरेंद्र यादव,नंदू बाबू, पंचायत अध्यक्ष खैर मुन्ना सिंह, सुरेश सिंह, प्रभारी लालमोहन शर्मा, रवि जी दुधार पंचायत अध्यक्ष,राजदेव मेहता, अख्तर जी, मुखिया प्रतिनिधि काली सिंह, विनय सिंह, जय राम सिंह,छोटन जी, पंचायत समिति सुनील जी, रणजीत सिंह, नरेंद्र सिंह,संतोष सिंह, सैकड़ों उपस्थित थे और अपना विचार व्यक्त किया।